Varanasi में बनेगा देश का पहला सिग्नेचर ब्रिज: PM Modi ने X पर लिखा- हम कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रहे हैं
वाराणसी में गंगा पर बनने वाला देश का पहला सिग्नेचर ब्रिज काशीवासियों के लिए एक बड़ी सौगात साबित होने वाला है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस परियोजना की कैबिनेट से मंजूरी के बाद X पर लिखा, “काशीवासियों की सुख-सुविधा के लिए हम कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रहे हैं। गंगा पर रेल-सड़क पुल से तीर्थयात्रियों, पर्यटकों और यहां के लोगों को बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी और रोजगार व कारोबार के नए अवसर भी बनेंगे।”
इस सिग्नेचर ब्रिज का डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) फाइनल हो चुका है, और इसे आगामी 100 सालों के लिए रेलवे और सड़क यातायात की जरूरतों को ध्यान में रखकर डिजाइन किया गया है। 2642 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाला यह ब्रिज चार लेन रेलवे ट्रैक और छह लेन की सड़क के साथ तैयार होगा, जो मालवीय पुल के समानांतर होगा।
यह पुल उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, और पश्चिम बंगाल को सीधी कनेक्टिविटी प्रदान करेगा। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने प्रेसवार्ता में इसका ब्लू प्रिंट साझा करते हुए बताया कि ब्रिज का निर्माण नदी की सतह से 120 फीट गहरे फाउंडेशन पर होगा, जो इसे मजबूत और टिकाऊ बनाएगा।
गंगा पर बनने वाले इस आइकॉनिक स्ट्रक्चर से काशी, चंदौली, बिहार, एमपी और छत्तीसगढ़ का सीधा जुड़ाव होगा, जिससे चारों दिशाओं में परिवहन को रफ्तार मिलेगी। यह परियोजना वाराणसी के विकास को एक नई दिशा देगी, न सिर्फ तीर्थयात्रियों और पर्यटकों के लिए, बल्कि क्षेत्र के व्यापारिक और औद्योगिक विस्तार में भी इसका योगदान होगा।
प्रधानमंत्री मोदी की ओर से इस परियोजना को काशीवासियों के लिए विशेष उपहार माना जा रहा है। इसके साथ ही, काशी स्टेशन के द्वितीय प्रवेश द्वार के नजदीक स्थित यह पुल रोजगार और आर्थिक समृद्धि के नए अवसरों का द्वार भी खोलेगा।
वाराणसी में बन रहे इस सिग्नेचर ब्रिज से तीर्थयात्रियों और पर्यटकों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी, साथ ही क्षेत्र की आर्थिक और सांस्कृतिक प्रगति को बल मिलेगा।